नागरिकता संशोधन कानून ‘CAA’ क्या हैं, आइये जानते हैं “CAA” (Citizenship Amendment Act, 2019)कानून के बारे में सबकुछ ।
What is CAA Act: केंद्र सरकार ने आज नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि CAA क्या है और इसे लागू करने से देश में क्या बदलाव होगा?
क्या है भारत का CAA कानून? किसे और कैसे मिलेगी नागरिकता; यहां है आपके सभी सवालों के जवाब | Explained
What is CAA in Hindi: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha chunav) से पहले केंद्र सरकार ने आज यानि सोमवार, 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, बता दें भारतीय नागरिकता (संशोधन) कानून पर 5 साल पहले ही मुहर लग गई थी, लेकिन यह अब तक यह लागू नहीं हो सका था। लेकिन सोमवार को मोदी सरकार ने CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया हैं । आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि आखिरकार CAA क्या है और इसे लागू करने से देश में क्या बदलाव देखें जाएंगे।
किस साल में पारित हुआ था CAA Citizenship (Amendment) Act, 2019?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहली बार सीएए 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था। यहां से तो यह बिल पास हो गया..लेकिन राज्यसभा में जाकर ये अटक गया था, बाद में इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव आ गए और फिर से बीजेपी की सरकार बनी। दिसंबर 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया और इस बार ये लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगहों से पास हो गया हैं । इसके बाद 10 जनवरी, 2020 को राष्ट्रपति द्वारा इसे मंजूरी मिल गई थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे लागू करने में देरी हुई।
किस-किस को मिल सकेगी नागरिकता?
बता दें CAA लागू होने के बाद किसे नागरिकता देनी है और किसे नहीं देनी है इसका पूरा-पूरा अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा। पाकिस्तान-अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए थे केवल उन्ही लोगों को नागरिकता दी जाएगी।
नागरिकता संशोधन कानून ‘CAA’ क्या हैं जानिए क्या है CAA कानून?
नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) भारत के तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जो दिसंबर 2014 तक किसी न किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में शरण लिए हुए हैं। इसमें गैर-मुस्लिम माइनोरिटी- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग भी शामिल हैं। बता दें कि भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को CAA से कोई खतरा नहीं है यह कानून नागरिकता देने का कानून हैं किसी का नागरिकता छीनने का नहीं है ।
जानकारी के मुताबिक, सीएए कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बिना घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन तय अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक गए हों और यहाँ पे ही काम काज करके जीवन यापन करता हो ।
कैसे करना होगा आवेदन?
भारतीय नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई हैं इसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार हो चुका है, इस पोर्टल पर आवेदकों को अपना वह साल बताना होगा जब उन्होंने बिना किसी दस्तावेज के भारत में प्रवेश किया था। नागरिकता पाने के लिए आवेदकों से किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। पात्र विस्थापितों को सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन करना होगा। जिसके बाद गृह मंत्रालय आवेदन की जांच करेगा और आवेदक को नागरिकता जारी कर दी जाएगी।
हमें उम्मीद हैं आपको Citizenship (Amendment) Act, 2019 के बारे में सबकुछ जानकारी मिल गयी होगी ।